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    उपायुक्त का संदेश

    Shruti Bhargava, Deputy Commissioner

    श्रीमती श्रुति भार्गव

    उपायुक्त

    केंद्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, अहमदाबाद

     

    नास्ति विद्यासमो बन्धुर्नास्ति विद्यासम: सुहृत।

    नास्ति विद्यासमं वित्तं नास्ति विद्यासमं सुखम्।।

    विद्या जैसा बंधु नहीं, विद्या जैसा मित्र नहीं, (और) विद्या जैसा अन्य कोई धन या सुख नहीं । शिक्षा मनुष्य की वह नींव है जिस पर मनुष्य के भविष्य का निर्माण होता है। केन्द्रीय विद्यालय संगठन शिक्षा के प्रति अपने निरंतर गहन प्रयासों से भारत के विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों के माध्यम से विद्यार्थियों में ज्ञान की अलौकिक ज्योति को जलाने का सार्थक प्रयास कर रहा है। इस संगठन के मेरे सभी वरिष्ठ अधिकारी, सहकर्मी, शिक्षक एवं कर्मचारी पूरे समर्पण भाव से शिक्षा को प्रत्येक विद्यार्थी तक पहुंचाने का सार्थक प्रयास कर रहे हैं।

    विद्यालय के विभिन्न क्षेत्रों जैसे अकादमिक, प्रशासनिक तथा वित्तीय क्षेत्र के प्रबंधन में प्राचार्य भी अपनी महती भूमिका निभाता है। विद्यालय के इन मुख्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्राचार्य अपने विद्यालय के लिए एक समायोजित योजना बनाता है। उक्त योजना को उनके लक्ष्यों के समरूप पूर्ण करने में विद्यालय के शैक्षिक तथा गैर-शैक्षिक कर्मचारियों की महती भूमिका रहती है।

    सफल विद्यालय के संचालन के लिए सकारात्मकता का होना अत्यावश्यक है। सकारात्मकता एक ऐसा पहलू है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विद्यालय पर सामान्य रूप से जीवन, साथीगण और दुनिया के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की जिम्मेदारी है। इसी क्रम में वर्तमान शैली से ग्रस्त दुनिया में, एक-दूसरे के प्रति सहिष्णुता की आवश्यकता का उल्लेख करना अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा।

    हमारे देश के भावी नागरिक जो कि वर्तमान में हमारे विद्यालय के विद्यार्थी हैं, जिनका हम शैक्षिक रूप से पालन-पोषण कर रहे हैं, उन्हें वास्तव में विश्व का प्रबुद्ध नागरिक कहलाने के लिए एक-दूसरे के प्रति मानवीय सहिष्णु होने, अपने देश के प्रति देशभक्ति के साथ-साथ अन्य देशों की विचारधाराओं के प्रति सहिष्णु होने की आवश्यकता है।

    एनईपी 2020 एवं एनसीएफ परीक्षाओं, शिक्षा पद्धति, भाषा कौशल और छुट्टियों के कौशल में व्यापक बदलाव की बात कर रहा है| हमें एनसीएफ को गहराई से पढ़ने की आवश्यकता है और इस बदलाव को अभिभावक, विद्यार्थी एवं शिक्षकों को समझाने का प्रयास करने की आवश्यकता है।

    अंत में इसी आशा के साथ कि ईश्वर हमारे द्वारा किए गए सभी प्रयासों पर आशीर्वाद दें और इस नए शैक्षणिक सत्र में हर तरह से हमारा मार्गदर्शन करें। मैं उन सभी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं जो केन्द्रीय विद्यालय संगठन के शैक्षिणिक वातावरण में अपना भविष्य संवार रहे हैं।